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कर्नाटक की क्षीरभाग्य योजना:  सब्सिडी वाले दूध से पोषण सुधार और डेयरी क्षेत्र का समर्थन

Children receiving subsidized milk under Ksheerbhagya Scheme

कर्नाटक दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ (KMF) द्वारा संचालित क्षीरभाग्य योजना (Ksheerbhagya scheme), कर्नाटक के निम्न-आय वर्ग के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को सब्सिडी (Subsidy) वाले दूध की आपूर्ति करती है। इस योजना का उद्देश्य पोषण में सुधार करना और स्थानीय डेयरी किसानों का समर्थन करना है, जिससे सस्ता दूध और उचित मूल्य सुनिश्चित हो सके। KMF दूध की खरीद, प्रसंस्करण (Processing), और वितरण की देखरेख करता है, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य और डेयरी क्षेत्र की स्थिरता दोनों में सुधार होता है।


“क्षीरभाग्य योजना, जिसे कर्नाटक सहकारी दूध उत्पादक संघ लिमिटेड (KMF) ने शुरू किया है, कर्नाटक में डेयरी क्षेत्र का समर्थन करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह लेख क्षीरभाग्य योजना के विवरण, स्थानीय डेयरी किसानों पर इसके प्रभाव, और डेयरी उद्योग को सुधारने में KMF की व्यापक भूमिका की जांच करता है।”

स्रोत- KMF

क्षीरभाग्य योजना क्या है?

क्षीरभाग्य योजना एक सरकारी-सहायता प्राप्त पहल है, जिसका उद्देश्य कर्नाटक के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को सब्सिडी वाला दूध उपलब्ध कराना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कमजोर आबादी के बीच पोषण की मात्रा में सुधार करना है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि उच्च गुणवत्ता वाला दूध उन लोगों तक पहुंचे जिन्हें इसकी सबसे अधिक जरूरत है।

क्षीरभाग्य योजना की मुख्य विशेषताएं:

  • लक्षित लाभार्थी: इस योजना से मुख्य रूप से सरकारी स्कूलों के बच्चे और निम्न-आय वर्ग की गर्भवती महिलाएं लाभान्वित होती हैं।
  • सब्सिडी वाला दूध वितरण: योजना के तहत लाभार्थियों को दूध बहुत कम दरों पर मिलता है, जो बाजार मूल्य से काफी कम है। इससे उन लोगों के लिए दूध सुलभ हो जाता है जिनकी आर्थिक स्थिति सीमित होती है।
  • पोषण लाभ: दूध, जो कैल्शियम, प्रोटीन, और विटामिन जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है, इस योजना का उद्देश्य कुपोषण के मुद्दों को संबोधित करना और बच्चों और गर्भवती माताओं के बीच स्वस्थ विकास का समर्थन करना है।

कर्नाटक दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ (KMF) की भूमिका

कर्नाटक दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ (KMF) इस योजना के कार्यान्वयन और सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत के सबसे बड़े डेयरी सहकारी संघों में से एक होने के नाते, KMF इस योजना के तहत दूध की खरीद, प्रसंस्करण, और वितरण की जिम्मेदारी निभाता है।

1. दूध की खरीद और प्रसंस्करण (Processing):

2. वितरण और लॉजिस्टिक्स:

3. डेयरी किसानों का समर्थन:

क्षीरभाग्य योजना का प्रभाव

क्षीरभाग्य योजना ने कर्नाटक में लाभार्थियों और डेयरी क्षेत्र दोनों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है:

कर्नाटक दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ (KMF) द्वारा समर्थित क्षीरभाग्य योजना, कर्नाटक में पोषण मानकों को सुधारने और डेयरी क्षेत्र का समर्थन करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। कमजोर आबादी को सब्सिडी वाला दूध प्रदान करके और डेयरी किसानों के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करके, यह योजना सार्वजनिक स्वास्थ्य और डेयरी उद्योग की स्थिरता दोनों में योगदान देती है। इस पहल के प्रबंधन में KMF की भूमिका यह दर्शाती है कि डेयरी क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सहकारी प्रयास कितने महत्वपूर्ण होते हैं।

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