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अमूल दूध की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं? 

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अमूल ने उत्पादन लागत में वृद्धि और किसानों को मुआवजा देने की आवश्यकता के कारण 3 जून से दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की है। यह मूल्य समायोजन फरवरी 2023 से स्थिर कीमतों की अवधि का अनुसरण करता है। इस वृद्धि का उद्देश्य दूध उत्पादकों का समर्थन करना और उत्पादन स्तर को बनाए रखना है, जबकि व्यापक खाद्य मुद्रास्फीति की तुलना में अपेक्षाकृत कम है। 


भारत के बड़े डेयरी ब्रांड अमूल (Amul) ने 3 जून से दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की घोषणा की है। यह बढ़ोतरी एक साल से भी ज्यादा समय के बाद हो रही है, जो फरवरी 2023 के बाद पहली बार है। जानिए, इस बढ़ोतरी के पीछे वजहें क्या हैं और इसका उपभोक्ताओं और किसानों पर क्या असर पड़ेगा।

कीमतों में बढ़ोतरी के कारण

  1. बढ़ती परिचालन लागत
    मूल्य बढ़ाने का मुख्य कारण दूध उत्पादन और संचालन की लागत में बढ़ोतरी है। अमूल के प्रबंधन करने वाले गुजरात सहकारी दूध विपणन संघ (जी.सी.एम.एम.एफ.) ने चारा, श्रम, परिवहन और प्रक्रिया जैसे खर्चों में बढ़ोतरी को प्रमुख कारण बताया है।
  2. किसानों को मुआवजा
    मूल्य बढ़ोतरी का एक बड़ा कारण किसानों को उचित मुआवजा देना भी है। अमूल की नीति है कि उपभोक्ताओं द्वारा खर्च किए गए हर रुपये में से लगभग 80 पैसा किसानों को वापस दिया जाए। इससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है और उन्हें दूध उत्पादन जारी रखने का प्रोत्साहन मिलता है।
  3. दूध उत्पादन को बनाए रखना
    मूल्य बढ़ाने का एक मकसद दूध उत्पादकों के लिए लाभकारी मूल्य बनाए रखना भी है। कीमतों को समायोजित करके, अमूल यह सुनिश्चित करना चाहता है कि उत्पादकों को अच्छा मुआवजा मिले, जिससे दूध उत्पादन को बनाए रखा जा सके। यह रणनीति आपूर्ति और मांग का संतुलन बनाए रखने के लिए जरूरी है।

उपभोक्ताओं पर असर

नए मूल्य के मुताबिक, अमूल दूध के वेरिएंट की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी होगी। उदाहरण के लिए, अमूल भैंस के दूध, अमूल गोल्ड के दूध और अमूल शक्ति दूध के 500 मिलीलीटर पाउच की कीमतें अब क्रमशः 36 रुपये, 33 रुपये और 30 रुपये हो जाएंगी। हालांकि, यह बढ़ोतरी 3-4% की है, जो कि खाद्य मुद्रास्फीति के मुकाबले काफी मामूली है।

ऐतिहासिक संदर्भ और मूल्य निर्धारण नीति

अमूल की पिछली मूल्य वृद्धि फरवरी 2023 में हुई थी। तब से, ब्रांड ने दूध की कीमतें स्थिर रखी थीं। हाल की बढ़ोतरी बढ़ती परिचालन लागत के साथ तालमेल बैठाने और यह सुनिश्चित करने के लिए की गई है कि मूल्य निर्धारण उचित रहे।

अमूल की मूल्य निर्धारण नीति किसानों और उपभोक्ताओं के बीच संतुलन बनाए रखने पर केंद्रित है। हाल की बढ़ोतरी इस प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसका मकसद डेयरी उद्योग की स्थिरता को बनाए रखना है।

अमूल दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी दूध उत्पादन की बढ़ती लागत और किसानों को उचित मुआवजा देने की जरूरत को दिखाती है। उपभोक्ता खर्च का एक हिस्सा किसानों को वापस देकर, अमूल का लक्ष्य मूल्य समायोजन को मामूली रखना और दूध उत्पादन को सपोर्ट करना है। यह मूल्य परिवर्तन डेयरी उद्योग की जटिलता को उजागर करता है, जहां परिचालन लागत और उत्पादक मुआवजा मूल्य निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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