कर्नाटक के डेयरी क्षेत्र ने एक बड़ा मील का पत्थर छू लिया है। अब राज्य द्वारा संचालित कर्नाटक सहकारी दूध महासंघ (के. एम. एफ.) हर दिन 1 करोड़ लीटर से ज्यादा दूध खरीद रहा है। पिछले साल यह संख्या 90 लाख लीटर प्रति दिन थी, तो यह एक बड़ी बढ़त है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस उपलब्धि को सराहा और साथ ही डेयरी किसानों के लिए सरकार की बढ़ी हुई सब्सिडी और के. एम. एफ. के अंतर्राष्ट्रीय विस्तार की योजनाओं पर भी ध्यान दिलाया। गुजरात जैसे प्रतिस्पर्धी डेयरी क्षेत्रों की चुनौतियों के बावजूद, यह सफलता कर्नाटक की डेयरी उत्पादन बढ़ाने और किसानों को समर्थन देने की प्रतिबद्धता को दिखाती है।
कर्नाटक का डेयरी क्षेत्र अब एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। कर्नाटक सहकारी दूध महासंघ (के. एम. एफ.) ने प्रतिदिन 10 मिलियन लीटर यानी 1 करोड़ लीटर दूध की खरीद को पार कर लिया है। यह आंकड़ा पिछले साल के 90 लाख लीटर प्रति दिन से बढ़कर एक बड़ी सफलता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस उपलब्धि को सराहा और औपचारिक समारोह के दौरान इसकी घोषणा की।
सरकारी मदद और अनुदान
दूध की बढ़ती आपूर्ति के जवाब में, कर्नाटक सरकार ने डेयरी किसानों के लिए अपनी सब्सिडी 2 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 5 रुपये प्रति लीटर कर दी है। यह समायोजन डेयरी किसानों का समर्थन करने और उद्योग को स्थिर करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। दैनिक खरीद अब प्रति दिन 5 करोड़ रुपये के सब्सिडी व्यय में बदल जाती है, जो मासिक रूप से 150 करोड़ रुपये और सालाना 1,800 करोड़ रुपये जमा होती है।
यह बढ़ी हुई सब्सिडी 2019 में कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई एक नीतिगत बदलाव थी और वर्तमान प्रशासन के तहत जारी है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, जिन्होंने पहले 1980 के दशक में पशुपालन मंत्री के रूप में कार्य किया था, ने डेयरी फार्मिंग समुदाय पर इन सब्सिडी के सकारात्मक प्रभाव पर जोर दिया।
बाजार का विस्तार और अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति
के. एम. एफ. का नंदिनी ब्रांड सिर्फ कर्नाटक में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बना रहा है। यह ब्रांड अब मलेशिया, वियतनाम, सिंगापुर, यूएई और अमेरिका में भी उपलब्ध है। इसके अलावा, नंदिनी ब्रांड ने आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप में स्कॉटलैंड और आयरलैंड की क्रिकेट टीमों को प्रायोजित कर अपनी पहचान और बढ़ाई है।
क्षेत्र में एकजुटता और विकास
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व में, कर्नाटक के 16,000 प्राथमिक दुग्ध सहकारी समितियों को 15 सहकारी दुग्ध संघों में एकीकृत किया गया है। इससे कामकाज सुव्यवस्थित हुआ है और दक्षता बढ़ी है। हालांकि, कुछ डेयरी किसानों ने इसका विरोध किया था, लेकिन सिद्धारमैया ने दूध की कीमत बढ़ाने का समर्थन किया और इसे किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए लाभकारी बताया।
अन्य राज्यों से तुलना
कर्नाटक की यह उपलब्धि जरूर बड़ी है, लेकिन अन्य राज्यों के आंकड़े भी देखने लायक हैं। उदाहरण के लिए, गुजरात हर दिन औसतन 2.6 करोड़ लीटर दूध खरीदता है, जो देश में सबसे ज्यादा है। इससे कर्नाटक की उपलब्धि को सही संदर्भ में देखा जा सकता है।
भविष्य की योजनाएं
कर्नाटक की रिकॉर्ड तोड़ दूध की खरीद राज्य की मजबूत कृषि प्रथाओं और डेयरी क्षेत्र को समर्थन देने की सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाती है। आगे बढ़ते हुए, सब्सिडी प्रबंधन और बाजार विस्तार पर ध्यान देना होगा ताकि कर्नाटक की स्थिति एक प्रमुख दूध उत्पादक के रूप में बनी रहे।
कर्नाटक की 1 करोड़ लीटर दूध की दैनिक खरीद एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। मजबूत सरकारी समर्थन, सही रणनीतिक कदम और प्रभावी समेकन के साथ, कर्नाटक डेयरी उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरता जा रहा है। के. एम. एफ. और नंदिनी ब्रांड की सफलता राज्य की डेयरी फार्मिंग के प्रति प्रतिबद्धता और भविष्य में विकास की क्षमता को दिखाती है।