उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड आंचल डेयरी फेडरेशन से जुड़े 50,000 से अधिक दुग्ध उत्पादकों के लिए ₹16 करोड़ की प्रोत्साहन राशि जारी की है। यह धनराशि डीबीटी के माध्यम से आवंटित की गई है, जिसका उद्देश्य बकाया भुगतान को साफ़ करना और राज्य भर में दुग्ध उत्पादकों को राहत प्रदान करना है।
उत्तराखंड के दुग्ध उत्पादकों को बड़ा राहत मिली है, क्योंकि राज्य सरकार ने ₹16 करोड़ की बकाया प्रोत्साहन राशि जारी कर दी है। यह वित्तीय सहायता उत्तराखंड आंचल डेयरी से जुड़े 50,000 से अधिक दुग्ध उत्पादकों का समर्थन करने के उद्देश्य से दी गई है, जो राज्य के डेयरी क्षेत्र में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहन राशि का वितरण
उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन द्वारा जारी प्रोत्साहन राशि को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर (DBT) के माध्यम से दुग्ध उत्पादकों के खातों में सीधे हस्तांतरित किया जाएगा। इस कदम से उन डेयरी किसानों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है, जो काफी समय से अपने भुगतान का इंतजार कर रहे थे। विभिन्न दुग्ध उत्पादकों के बीच धनराशि का वितरण किया गया है, जिसमें सामान्य वर्ग के उत्पादकों के लिए ₹15 करोड़ और एससी और एसटी उत्पादकों के लिए विशेष रूप से ₹1 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
डेयरी क्षेत्र के लिए सरकारी समर्थन
उत्तराखंड डेयरी सहकारी समिति के निदेशक संजय खेतवाल ने बताया कि यह प्रोत्साहन राज्य में दुग्ध किसानों को समर्थन देने के लिए सरकार के निरंतर प्रयासों का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि आवंटन प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है, जिससे सभी बकाया प्रोत्साहन राशि को जल्द से जल्द साफ़ किया जा सके। इस पहल से क्षेत्र के विभिन्न दुग्ध संघों से जुड़े हजारों दुग्ध उत्पादकों को लाभ मिलेगा।
उत्तराखंड में डेयरी फार्मिंग को बढ़ावा
उत्तराखंड सरकार दुग्ध संघ और आंचल डेयरी के तहत दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए दुग्ध मूल्य के साथ-साथ प्रति लीटर ₹4 अतिरिक्त प्रोत्साहन प्रदान करती है। इस अतिरिक्त समर्थन ने स्थानीय दुग्ध किसानों को दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है, जिससे राज्य के डेयरी उद्योग को बढ़ावा मिला है। हालांकि, इन प्रोत्साहनों के जारी करने में देरी ने दुग्ध उत्पादकों में चिंता उत्पन्न कर दी थी, जिससे उनके संचालन पर प्रभाव पड़ा।
दुग्ध उत्पादकों के लिए राहत
₹16 करोड़ की प्रोत्साहन राशि जारी होने से राज्य भर के दुग्ध उत्पादकों को राहत मिली है। बकाया भुगतान अब प्रसंस्कृत किए जा रहे हैं, जिससे किसान बिना किसी वित्तीय दबाव के अपनी डेयरी संचालन को जारी रख सकते हैं। इन निधियों की समय पर रिहाई से उत्तराखंड में डेयरी बाजार को स्थिर करने और दुग्ध उत्पादकों को अपने उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए प्रेरित करने की उम्मीद है।
संजय खेतवाल ने आशावादी होकर कहा कि प्रोत्साहन राशि जारी होने से बकाया भुगतान का अंत हो जाएगा, जिससे 50,000 से अधिक दुग्ध उत्पादकों को उनके उचित लाभ मिल सकेंगे। यह पहल राज्य के मजबूत डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने और उत्तराखंड के हजारों दुग्ध किसानों की आजीविका का समर्थन करने के राज्य के लक्ष्य के अनुरूप है।
सरकार का डेयरी किसानों की चिंताओं को दूर करने और सतत कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देने के प्रति सक्रिय दृष्टिकोण उत्तराखंड में डेयरी क्षेत्र की दीर्घकालिक वृद्धि सुनिश्चित करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।