नेस्ले (Nestle) ने एक ऐसी तकनीक लॉन्च की है जो नियंत्रित प्रोटीन एकत्रीकरण का उपयोग करके दूध पाउडर फैट को 60% तक कम करती है। यह विधि कैलोरी को कम करते हुए मलाई को बरकरार रखती है। प्रारंभ में ब्राजील के निन्हो एडल्टो में सफल, यह जल्द ही निडो रेंज में विश्व स्तर पर विस्तारित होगा। यह नवाचार नेस्ले के स्वस्थ, किफायती डेयरी विकल्प प्रदान करने के लक्ष्य के साथ संरेखित होता है और कम शर्करा और बेहतर चॉकलेट क्रीमनेस जैसी अन्य प्रगति को पूरा करता है।
नेस्ले (Nestlé) ने हाल ही में दूध पाउडर में फैट की मात्रा को 60% तक कम करने के लिए एक नई तकनीक लॉन्च की है। यह तकनीक डेयरी उत्पादों की पौष्टिकता को बेहतर बनाते हुए, उनके स्वाद और बनावट को भी बनाए रखने में मदद करेगी। इस नई विधि का मकसद है, एक ही समय में स्वस्थ, किफायती और स्थिरता के साथ-साथ बेहतर पोषण मूल्य को भी प्रदान करना।
फैट कम करने की नई तकनीक
नेस्ले की यह नई तकनीक दूध के प्रोटीन को नियंत्रित तरीके से एकत्रित करने पर आधारित है। इसका मतलब है कि दूध की फैट की खासियत को बनाए रखते हुए, फैट की मात्रा को काफी हद तक घटाया जा सकता है।
कैसे काम करता है:
- नियंत्रित एकत्रीकरण: दूध के प्रोटीन को सटीक तरीके से हैंडल करके, नेस्ले दूध की फैट को सही तरीके से नकल करता है। इससे दूध का स्वाद और मलाईदारपन भी बना रहता है।
- कम कैलोरी: इससे बने उत्पाद में पारंपरिक दूध की तुलना में कम कैलोरी होती है, जो स्वस्थ विकल्प के लिए एक अच्छा कदम है।
घोषणा
नेस्ले के पोषण व्यवसाय के लिए अनुसंधान एवं विकास प्रमुख इसाबेल ब्यूरो-फ्रांज़ ने नेस्ले की आधिकारिक घोषणा में कहा,
ग्लोबल रोलआउट और भविष्य की योजनाएं
ब्राजील में इस नई तकनीक के अच्छे रिस्पांस के बाद, नेस्ले इसे बाकी बाजारों में भी लॉन्च करने की योजना बना रहा है। लॉरेंट एलस्टीन, वैश्विक श्रेणी के प्रमुख ने बताया कि यह तकनीक स्वाद और स्वास्थ्य के बीच संतुलन बनाए रखते हुए, दुनियाभर में निडो पोर्टफोलियो (Nido portfolio) में पेश की जाएगी।
भविष्य की संभावनाएं
- वैश्विक विस्तार: इस तकनीक को अलग-अलग बाजारों में लाया जाएगा, जिससे और भी लोग इसका लाभ उठा सकेंगे।
- उन्नत उत्पाद रेंज: नेस्ले अपनी डेयरी रेंज के अन्य उत्पादों में भी इस फैट कम करने की विधि को शामिल करने की सोच रहा है।
व्यापक रणनीति और नवाचार
नेस्ले की फैट कम करने की तकनीक एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है, जिसमें अन्य विज्ञान-आधारित समाधान भी शामिल हैं:
- एंजाइमेटिक (Enzymatic) प्रक्रियाएँ: इनका मकसद प्रमुख अवयवों में शर्करा को कम करना है, जिससे उत्पाद की पौष्टिकता बढ़ती है।
- माइक्रो-एरेशन (Micro-Aeration) तकनीक: इस तकनीक से चॉकलेट की मलाई में सुधार होता है, जो कम फैट के बावजूद स्वाद को बनाए रखता है।
नेस्ले (Nestlé) की नई तकनीक दूध पाउडर में फैट की मात्रा को कम करने के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इस तकनीक से उपभोक्ताओं को बेहतर स्वाद और बनावट के साथ-साथ कम फैट वाले उत्पाद मिलेंगे। ब्राजील में सफल प्रयोग और वैश्विक स्तर पर इसे लागू करने की योजनाएँ, नेस्ले के स्वस्थ और पौष्टिक डेयरी विकल्प देने के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।